Tuesday 30 October 2018

Achha Nahi Kiya #Creation 42

मदहोश था मै पहले ही मोहब्बत कर के,
ये मयखानों का पता बता कर तूने अच्छा नहीं किया
चाँदनी में छाँव से खुदकी बातें कर के भी खुश था मैं तो ,
तूने अपना बिस्तर बगल में लगा कर अच्छा नहीं किया ।
ज़िन्दगी खूबसूरत है, अम्मा से सुनता था ये हमेशा से ,
पर तेरी खूबसूरती को मेरी ज़िन्दगी बना कर तूने अच्छा नहीं किया ।
यूँ तो ख़ास सुकून पहले भी ना था सासों को,
पर इन साँसों में इज़तीरार सा ला कर तूने अच्छा नहीं किया ।
सपने मेरे जो बेबाक हर किसी को एक कहानी सा सुना दिया करता था ,
उन सपनो को तूने अपना कायल बना कर तूने अच्छा नहीं किया
लब्ज़ों से मन की गहराइयां छूने का बेशक शौक रखता था मैं,
उन गहराइयो में मुझे इश्क़ की हतकडी लगा कर तूने अच्छा नहीं किया ।
पहली बारिश की बूंदों में जलती मिट्टी से पहले भीग लिया करता था मैं,
उन बारिशो को भी तेरी याद का एक जरिया बना कर तूने अच्छा नहीं किया ।
जुबां पे कभी तरानो की धुन रहती या कभी कोई गजल के बोल..और दिन यूँही निकल जाते थे,
की बोल ढूंढे नहीं मिलते अब, मौहब्बत की ऐसी दिल में सरगम सजा के तूने अच्छा नहीं किया ।।
@Garvit Agrawal

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